धर्म सिंह कहते हैं, 'आज पछतावा होता है कि कॉल जल्दी काट दी. काश कुछ देर और बात करता, शायद उन्हें शांत कर पाता या मदद के लिए कुछ सोच पाता.' उन्होंने इमारत के मालिक और फैक्ट्री के मालिक को इस हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया है. उनका आरोप है कि वहां कोई अग्निशमन यंत्र नहीं था और सिर्फ एक दरवाजा था
मैं नहीं बच पाऊंगा, बेटा. मेरा दम घुट रहा है. मैं मरने वाला हूं.' 62 साल के दिलीप सिंह के ये आखिरी शब्द थे, जो उन्होंने अपने बेटे से 43 सेकेंड की कॉल पर कहे. कुछ ही देर बाद वह रोहिणी के रिठाला इलाके में लगी भीषण आग की चपेट में आ गए
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