विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत सोमवार को
पाटन विकासखण्ड के ग्राम धनेटा, सहसन और बरोदा में कृषक संगोष्ठियों का आयोजन
किया गया। कृषि के क्षेत्र में सुधार,
किसानों को कृषि की आधुनिक तकनीकों की
जानकारी देने तथा प्राकृतिक और जैविक खेती को प्रोत्साहित करने चलाये जा रहे इस
अभियान के तहत आयोजित इन संगोष्ठियों में बड़ी संख्या में किसानों ने सहभागिता की।
कृषक संगोष्ठियों को संबोधित करते हुये अनुविभागीय कृषि अधिकारी पाटन डॉ
इंदिरा त्रिपाठी ने कहा कि अब बाजार बदल रहे हैं और ग्राहकों की प्राथमिकताएं भी
बदल रही हैं, ऐसे में शासन के प्रयास हैं कि किसानों के साथ
मिलकर कृषि प्रणालियों में भी बदलाव और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर कृषि को और
ज्यादा लाभकारी बनाया जाये। उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिये
विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत कृषि वैज्ञानिकों की टीम 'लैब
टू लैंड' अभियान को आगे बढ़ा रही है।
जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्व विद्यालय के वैज्ञानिक डॉक्टर ए के सिंह ने
कृषक संगोष्ठियों में कहा कि बीते दशकों में कृषि वैज्ञानिकों ने कई क्षेत्रों में
अच्छे शोध किए हैं और बेहतर नतीजे दिए हैं। वहीं दूसरी ओर देश के प्रगतिशील
किसानों द्वारा भी अपने प्रयोगों से कृषि क्षेत्र में बड़े बदलाव लाये गये हैं और
उत्पादन में वृद्धि हुई है। ऐसे में वैज्ञानिकों के सफल शोध और प्रगतिशील किसानों
के सफल प्रयोगों की जानकारी सभी किसानों तक पहुंचना बहुत जरूरी है। विकसित कृषि
संकल्प अभियान के तहत आयोजित की जा रही कृषक संगोष्ठियां इसका सबसे बेहतर माध्यम
है।
इस मौके पर बताया गया कि केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में सुधार और विकास
को बढ़ावा देने के लिए देशभर में विकसित कृषि संकल्प अभियान शुरू किया है। इसके
जरिये किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, वैज्ञानिक तरीके
से खेती और सतत विकास की दिशा में प्रेरित किया जा रहा है। इससे किसानों को फसल
उत्पादन क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी। कृषक संगोष्ठियों में कृषि वैज्ञानिक आर के
साहू, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी पंकज श्रीवास्तव, क्षेत्रिय
कृषि विस्तार अधिकारी हरीश बर्वे,
उद्यान अधिकारी नेहा श्रीवास्तव, मत्स्य
निरीक्षक गोविंदा सिंह, पशु चिकित्सा अधिकारी भी उपस्थित रहे।