केंद्र
शासन के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा संचालित "शिक्षा हेतु वित्तीय
सहायता योजना" के अंतर्गत मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत
मध्यप्रदेश राज्य के बीड़ी, चूना पत्थर एवं डोलोमाईट तथा लौह-मैग्नीज-क्रोम
अयस्क खदान श्रमिक एवं उनके पुत्र-पुत्रियों को "शिक्षा हेतु वित्तीय सहायता
योजना" के तहत कक्षा एक से लेकर उच्च शिक्षा ग्रहण करने पर 1
हजार रुपये से 25 हजार रुपये तक छात्रवृत्ति स्वीकृत की जाती
है।
उप कल्याण आयुक्त श्रम कल्याण संगठन जबलपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार
शैक्षणिक सत्र 2025-26 में इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु नेशनल
स्कॉलरशिप पोर्टल (https://scholarships.gov.in)
पर ऑनलाईन आवेदन करने की प्रक्रिया 2
जून से प्रारम्भ हो चुकी है। आवेदन की अंतिम तिथि प्री मेट्रिक हेतु 31
अगस्त एवं पोस्ट मेट्रिक हेतु 31 अक्टूबर निर्धारित है। छात्रवृत्ति हेतु आवेदन
करने के लिए ओटीआर (वन टाइम रजिस्ट्रेशन) एवं फेस ऑथेंटिकेशन प्रक्रिया पूरी करना
अनिवार्य है। आवेदन की पात्रता एवं संबंधित अन्य जानकारी और शर्तें नेशनल
स्कॉलरशिप पोर्टल पर उपलब्ध है। आवेदकों को ऑनलाईन आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेजों
को स्कैन कर अपलोड करना होगा। आवेदन करने के पश्चात उन्हें अपने शिक्षण संस्थान
में संपर्क स्थापित कर अपने आवेदन को स्कॉलरशिप पोर्टल (https://scholarships.gov.in) के माध्यम से ही सत्यापित भी करवाना होगा।
उप कल्याण आयुक्त के मुताबिक यदि पोर्टल पर प्रदर्शित अन्य विभागों द्वारा
प्रदान की जाने वाली छात्रवृत्ति,
जिसमें अधिक राशि प्रदान की जाती है और
आवेदक पात्रता रखते हैं, तो ऐसे पात्र आवेदक आवेदिका संबंधित विभाग की
छात्रवृत्ति हेतु आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि ऑनलाईन आवेदन करने संबंधी
अन्य किसी भी प्रकार की जानकारी हेतु श्रम कल्याण संगठन जबलपुर मुख्यालय के दूरभाष
क्रमांक-0761-4039511, 4039510 या e-mail ID we.jabalpur@rediffmail.com, wcjab@mp.gov.in तथा कल्याण प्रशासक कार्यालय, इन्दौर
के दूरभाष क्रमांक- 0731-2703530 व e-mail ID-waind@mp.gov.in पर
संपर्क स्थापित किया जा सकता है। साथ ही मध्यप्रदेश परिक्षेत्र में संचालित अपने
नजदीकी औषधालयों एवं केन्द्रीय चिकित्सालय सागर में व्यक्तिगत रूप से भी जानकारी
प्राप्त की जा सकती है। उप कल्याण आयुक्त श्रम कल्याण संगठन ने स्पष्ट किया है कि
शिक्षण संस्थान द्वारा सत्यापित नहीं किए गए छात्रवृत्ति के आवेदनों पर विचार किया
जाना संभव नहीं होगा।