Janmashtami 2025: जन्माष्टमी का पर्व कृष्ण जन्म के मौके पर मनाया जाता है। श्री कृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार थे। कृष्ण जन्माष्टमी, भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की पावन तिथि है, जिसे पूरे भारत और दुनिया के कई हिस्सों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है और इसका हजारों साल पुराना है।
श्रीकृष्ण के जन्म की पौराणिक कथा
श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा की कारागार में हुआ था, जब उनकी माता देवकी और पिता वासुदेव को कंस ने कैद कर रखा था। कंस को यह भविष्यवाणी मिली थी कि देवकी का आठवां पुत्र उसका अंत करेगा। जन्म के तुरंत बाद वासुदेव जी ने कृष्ण को गोकुल में नंद बाबा और यशोदा मैया के घर पहुंचाया।
जन्माष्टमी का धार्मिक महत्व
कृष्ण जी को विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है, जिन्होंने अधर्म का नाश कर धर्म की स्थापना की। जन्माष्टमी का व्रत और पूजा जीवन में सकारात्मकता, प्रेम और भक्ति लाने का माध्यम माना जाता है।
भारत में जन्माष्टमी उत्सव
मथुरा, वृंदावन, द्वारका, और गोकुल में जन्माष्टमी के अवसर पर विशेष झांकियां, रासलीला और मंदिर सजावट होती है। महाराष्ट्र में "दही हांडी" का आयोजन उत्सव का प्रमुख आकर्षण है।
उपवास और पूजा विधि
भक्तजन अष्टमी के दिन व्रत रखते हैं, रात 12 बजे कृष्ण जन्मोत्सव मनाते हैं और बाल गोपाल का अभिषेक करते हैं। पंचामृत, तुलसी पत्र और माखन-मिश्री विशेष प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है।